हरियाणा के एडेड कॉलेजों में कर्मचारियों का आक्रोश: काले बिल्ले लगाकर विरोध


राजेश वर्मा। कुरुक्षेत्र भूमि
कुरुक्षेत्र,

हरियाणा के 97 राजकीय सहायता प्राप्त (एडेड) कॉलेजों में कार्यरत 2,465 कर्मचारियों, जिनमें 1,665 शिक्षक और 800 गैर-शिक्षक कर्मचारी शामिल हैं, ने सरकार की उदासीनता और वेतन भुगतान में देरी के खिलाफ काले बिल्ले लगाकर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। पिछले तीन महीनों से वेतन न मिलने के कारण ये कर्मचारी गहरे आर्थिक संकट में हैं, जिसने उनके परिवारों को त्योहारी मौसम में भारी मुश्किलों में धकेल दिया है। यह स्थिति न केवल कर्मचारियों की गरिमा पर चोट है, बल्कि देश की शिक्षा व्यवस्था के भविष्य पर भी गंभीर सवाल खड़े करती है।

प्रदर्शन और कर्मचारियों की पीड़ा:
कॉलेज टीचर्स एसोसिएशन और नॉन-टीचिंग एसोसिएशन, हरियाणा के बैनर तले आयोजित इस प्रदर्शन में कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और समयबद्ध वेतन भुगतान की मांग को दोहराया। नॉन टीचिंग एसोसिएशन के उप प्रधान श्री राम कुमार जी व महासचिव श्री सोहन लाल ने भावुक होकर कहा, “हम समाज को शिक्षित करने का दायित्व निभाते हैं, लेकिन सरकार हमें भूखा मरने को मजबूर कर रही है। बिना वेतन के परिवार का पालन-पोषण कैसे संभव है?” आर्थिक तंगी के चलते कई कर्मचारियों को कर्ज लेना पड़ रहा है, जिससे उनकी मानसिक और आर्थिक स्थिति बदहाल हो चुकी है। यह संकट शिक्षा की गुणवत्ता को भी प्रभावित कर रहा है, क्योंकि तनावग्रस्त कर्मचारी पूरे समर्पण से कार्य करने में असमर्थ हैं।

आर्थिक संकट का दायरा:  
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, इन 97 कॉलेजों पर प्रतिमाह 34 करोड़ रुपये का खर्च आता है। तीन महीने के बकाया वेतन ने न केवल कर्मचारियों की आजीविका को संकट में डाला है, बल्कि शिक्षा व्यवस्था की बदहाली को भी उजागर किया है। कर्मचारियों का कहना है कि सरकार के “बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ” जैसे नारे तब तक खोखले हैं, जब तक शिक्षकों और कर्मचारियों की मूलभूत आवश्यकताएं पूरी नहीं होतीं।

कॉलेज टीचर्स एसोसिएशन, नॉन टीचिंग एसोसिएशन, हरियाणा की मांगें 
कॉलेज टीचर्स एसोसिएशन, हरियाणा, जो इन कॉलेजों में कार्यरत 3,000 से अधिक शिक्षकों का एकमात्र प्रतिनिधि संगठन है, ने सरकार से निम्नलिखित लंबित मुद्दों के त्वरित समाधान की मांग की है:

1. हरियाणा संबद्ध महाविद्यालय (सेवा सुरक्षा) नियम, 2006 में संशोधन
   - मांग: शैक्षणिक पदोन्नति, कैरियर प्रगति (CAS), और कार्यभार संबंधी प्रावधानों को स्पष्ट करने हेतु नियमों में संशोधन।  
   - आधार: वर्तमान नियमों में मौजूद विसंगतियां पदोन्नति प्रक्रिया को बाधित कर रही हैं। शिक्षकों को UGC नियमों (2018) के अनुरूप सेवा सुरक्षा प्रदान की जाए।  

2. 7वें वेतन आयोग के अनुसार संशोधित HRA
   - मांग: 1 जनवरी 2016 से प्रभावी संशोधित हाउस रेंट अलाउंस (HRA) का भुगतान।  
   - आधार: राज्य सरकार के कर्मचारियों को यह लाभ प्राप्त है, किंतु एडेड कॉलेजों के शिक्षकों को यह सुविधा नहीं मिली, जो संविधान के अनुच्छेद 14 (समानता का अधिकार) का उल्लंघन है।  

3. अनुकंपा वित्तीय सहायता (एक्स-ग्रेसिया स्कीम 2019) 
   - मांग: 2019 में स्वीकृत इस योजना की तत्काल अधिसूचना।  
   - आधार: गंभीर बीमारी या दुर्घटना से प्रभावित शिक्षकों को आर्थिक सहायता के लिए यह योजना स्वीकृत है, किंतु अधिसूचना के अभाव में लाभ रुका हुआ है।  

4. हरियाणा लीव रूल्स, 2002 में संशोधन  
   - मांग: चाइल्ड केयर लीव, अध्ययन अवकाश, और एकेडमिक लीव को UGC नियमों के अनुरूप संशोधित करना।  
   - आधार: वर्तमान नियम आधुनिक शैक्षणिक आवश्यकताओं के अनुकूल नहीं हैं, जिससे शिक्षकों के अनुसंधान और व्यक्तिगत विकास में बाधा उत्पन्न हो रही है।  

5. NPS कर्मचारियों के लिए डेथ-कम-रिटायरमेंट ग्रेच्युटी
   - मांग: राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) के अंतर्गत कर्मचारियों को ग्रेच्युटी का लाभ।  
   - आधार: सर्वोच्च न्यायालय के 17 जनवरी 2023 के निर्णय (याचिका संख्या: 133/2021) में NPS कर्मचारियों को ग्रेच्युटी का हकदार माना गया है, किंतु हरियाणा सरकार ने इसे लागू नहीं किया।  

6. चिकित्सा प्रतिपूर्ति (Medical Reimbursement)  
   - मांग: CGHS दरों पर चिकित्सा प्रतिपूर्ति की सुविधा।  
   - आधार: राज्य सरकार के कर्मचारियों को यह सुविधा प्राप्त है, किंतु एडेड कॉलेजों के शिक्षकों के साथ भेदभाव अनुच्छेद 14 के विरुद्ध है।  

आगे की राह और चेतावनी :
एसोसिएशन ने मांग की है कि सरकार तत्काल वेतन भुगतान के लिए पारदर्शी व्यवस्था बनाए, कॉलेजों के बुनियादी ढांचे को मजबूत करे, और सभी लंबित मांगों को पूरा करे। प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं, तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।  

निवेदन और अपील :
हम हरियाणा सरकार से विनम्रतापूर्वक अनुरोध करते हैं कि:  
- सेवा नियमों में संशोधन के लिए तत्काल एक समिति गठित की जाए।  
- 7वें वेतन आयोग के HRA का बकाया सहित भुगतान किया जाए।  
- एक्स-ग्रेसिया स्कीम 2019 की अधिसूचना तुरंत जारी की जाए।  
- ग्रेच्युटी और चिकित्सा प्रतिपूर्ति के लिए नीतिगत निर्देश जारी किए जाएं।  


हरियाणा के एडेड कॉलेजों के कर्मचारियों का यह आंदोलन केवल वेतन या सुविधाओं की मांग नहीं, बल्कि उनकी गरिमा, सम्मान और शिक्षा व्यवस्था की रीढ़ को बचाने की पुकार है। इन 3,000 से अधिक शिक्षकों और कर्मचारियों की मांगों का समाधान न केवल उनके जीवन में स्थायी सुधार लाएगा, बल्कि हरियाणा की उच्च शिक्षा की गुणवत्ता को भी नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा। सरकार से अपेक्षा है कि वह इस संकट को गंभीरता से ले और तत्काल प्रभावी कदम उठाए, ताकि शिक्षा का मंदिर फिर से ज्ञान और समर्पण का प्रतीक बन सके।

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