हरियाणा के 97 ऐडिड कॉलेजों के कर्मचारियों की लड़ाई - वेतन से लेकर टेकओवर तक उठी आवाज़




राजेश वर्मा। कुरुक्षेत्र भूमि 
पिहोवा,21.08.2025

हरियाणा के 97 सरकारी अनुदान प्राप्त (ऐडिड) कॉलेजों में कार्यरत लगभग 1900 शिक्षक और अन्य कर्मचारी पिछले एक दशक से अपनी जायज़ माँगों को लेकर संघर्ष कर रहे हैं। माँगें सिर्फ भत्तों और सुविधाओं की नहीं, बल्कि ’’अस्तित्व और भविष्य की सुरक्षा’’ की हैं।

 *अधूरी फाइलों का चक्कर - विभागीय टेबलों पर दबा हक़*

कर्मचारियों की मुख्य माँगों में शामिल हैं - संशोधित मकान किराया भत्ता, 01.01.2006 के बाद नियुक्त कर्मचारियों को ग्रैच्युटी का लाभ, सेवा नियम 2006 व लीव रूल्स 2002 में संशोधन, मेडिकल भत्ता और आकस्मिक अवकाश के स्पष्ट दिशा-निर्देश आदि आदि।

कॉलेज टीचर्स ऐशोशियेशन, हरियाणा के महासचिव डॉ. सुदीप कुमार का कहना है, ’“माननीय मुख्यमंत्री जी कई बार हमारी फाइलें विभाग को भेज चुके हैं, लेकिन वर्षों से वे विभागीय टेबलों के नीचे दबकर रह जाती हैं। मकान किराया भत्ते की फाइल 2019 से उच्चतर शिक्षा विभाग और वित्त विभाग के बीच पिंग-पोंग का खेल बन चुकी है। कभी छोटी-छोटी आपत्तियों के नाम पर फाइल वापस भेज दी जाती है, तो कभी पुनः अनुमोदन के लिए लौटा दी जाती है।”’

*वेतन पर भी संकट - जुलाई का वेतन अब तक अटका*

नाराजगी इस बात को लेकर भी है कि माँगों के समाधान तो दूर, अब कर्मचारियों को समय पर वेतन मिलना भी बंद हो गया है। जुलाई 2025 का वेतन अभी तक जारी नहीं हुआ है। हालात यह हैं कि कोई कर्मचारी अपने घर के लोन की किस्त अदा करने को लेकर परेशान है, तो कोई गाड़ी का ईएमआई भरने में असमर्थ है। कई कर्मचारियों के लिए इलाज का खर्च भी मुश्किल हो गया है।

 *टेकओवर ही स्थायी समाधान - यूनियन का तर्क*

लगातार अनदेखी और असुरक्षित भविष्य से तंग आकर यूनियन ने अब सरकार से साफ-साफ माँग कर दी है कि सभी ऐडिड कॉलेजों के स्टाफ को सरकार टेकओवर करे। इस दिशा में विभागीय स्तर पर फाइलें चलकर एक पॉलिसी ड्राफ्ट भी तैयार हो चुका है।
यूनियन का कहना है कि जिस प्रकार पहले सरकार ने ऐडिड स्कूलों के कर्मचारियों को टेकओवर किया था, उसी तर्ज पर कॉलेजों के कर्मचारियों को भी सरकारी संरक्षण दिया जाए।

शिक्षकों और कर्मचारियों के भीतर असंतोष गहराता जा रहा है। यूनियन नेताओं का साफ कहना है कि अगर सरकार ने अब भी उनकी आवाज़ नहीं सुनी, तो वे आंदोलन की राह पकड़ने पर मजबूर होंगे। सवाल सिर्फ वेतन और भत्तों का नहीं, बल्कि ’’शिक्षा व्यवस्था की विश्वसनीयता और हजारों परिवारों के भविष्य का’’ है।



*डॉ सुदीप कुमार*
महासचिव
कॉलेज टीचर्स ऐशोशियेशन, हरियाणा
मो0 - 7988887454, 9416293686

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