जन्माष्टमी के उपलक्ष्य में निकाली विशाल शोभायात्रा, श्रद्धालुओं का उमड़ा हुजूम


अभिषेक पूर्णिमा 

श्री कृष्ण अवतार अंधकार से प्रकाश की प्रेरणा : स्वामी ज्ञानानंद जी

स्वच्छता अभियान, श्रीमद्भागवत और पर्यावरण से जुडी झांकिया रही आकर्षण का केंद्र

पिहोवा, 17 अगस्त:  श्री कृष्ण जन्माष्टमी के उपलक्ष्य में  मां सरस्वती के पावन तट पर अपने प्रवचनो की अमृत वर्षा करते हुए महामंडलेश्वर गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद जी महाराज ने कहा कि आज का दिन  भगवान श्री कृष्ण का अवतरण दिवस ढेरो दिव्यातो को समेटे हुए प्रेम और सदभाव का सन्देश देता है। श्री कृष्ण अवतार अंधकार से प्रकाश की प्रेरणा है। दुष्वृतियां, दुश्कर्म, दुर्भावना यह सब अंधकार के प्रतीक है। सदभावना, सदभाव, सहयोग, सत्संग यह सब प्रकाश के प्रतीक है। दुष्वृतियों के अंधेरे को मिटाकर सदभाव  व प्रेम रूपी प्रकाश फैलाने का नाम ही कृष्णवतार है। भगवान श्री कृष्ण का पावन अवतार सेवा, समता और प्रेम की विश्व व्यापी प्ररेणा है । आज पूरे विश्व में पहली आवश्यकता है प्रेम और सद्भाव। श्री कृष्ण अवतार की प्रत्येक लीला प्रेम और सद्भावना का प्रयाय है। माखन चोरी की लीला वास्तव में माखन के लिए नही अपितु प्रेम और सद्भावना का वातावरण बनाने के लिए थी। ग्वाल-बालो के साथ मिल बैठकर भोजन करना यही स्पष्ट करता है कि कन्हैया ने ऊंच-नीच, वर्ग-वर्ण के भेदभाव को मिटाया और सभी को समान रूप से प्रेम बांटा है। विदुर-विदुरानी के घर भोजन करना और सुदामा को अपने आसन पर बैठाकर स्वयं नीचे बैठना यह वास्तव में निर्धनता एवं प्रेम भावना का ही सम्मान था।जब गोपिया मन मे ये भाव रखती की कन्हैया हमारे घर भी आये औए माखन खाये तो उसी प्रेम भाव का सम्मान ही प्रभु की लीला है।आज की अनीति,अराजकता ,अशांति में एक मात्र विकल्प श्री कृष्ण की प्रेरणाए है!आओ भगवान् श्री कृष्ण की प्रेरणाओ को अपने जीवन का आदर्श बनाए! श्री कृष्ण जन्माष्टमी के दिन यहीं संकल्प करें की हमें सेवा और सद्भाव को बढावा देना है। इस पावन पर्व पर हम सभी को गीता व् भगवान श्री कृष्ण की दिव्य प्रेरणाओं को अपने चरित्र में आत्मसात करना चाहिए क्योकि उन्होंने अपनी लीलाओ द्वारा समस्त विश्व को प्रेम व् सदभाव का सन्देश दिया है जो की आज के समय की परम आवश्यकता है। 

इससे पूर्व  हरियाणा के मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार भारत भूषण भारती ने अपने संबोधन में बताया की महाराज श्री के आशीर्वाद से भाजपा सरकार गौ सेवा  के लिए बहुत अच्छा कार्य कर रही है 2014 से पहले जहां गौशालाओं के लिए दो करोड रुपए का सालाना बजट होता था वहां आज बढ़कर 550 करोड रुपए का बजट कर दिया गया है इसके अलावा आज ही 90 करोड रुपए की राशि विभिन्न विभिन्न गौशाला में बांटी गई है

भारत भूषण भारती, हरियाणा गोसेवा आयोग के अध्यक्ष श्रवण गर्ग, ने ज्योत प्रज्वलित कर इस आयोजन का शुभारंभ किया।  माँ सरस्वती सेवा समिति, नगर पालिका अध्यक्ष उपाध्यक्ष सहित अनेक धार्मिक व सामाजिक संस्थाओं के पदाधिकारी ने महाराज जी को माल्यार्पण कर उनसे आशीर्वाद ग्रहण किया। अनेक धार्मिक व सामाजिक संस्थाओं सहित नगर वासियो द्वारा शोभा यात्रा का जगह जगह पंडाल लगाकर स्वागत किया गया।जन जन की सदभावना इस शोभायात्रा के साथ जुड़ी रहती है अलग अलग विचारों की तथा सनातन परंपराओं की अनेक संस्थाएं एक साथ इसमें अपनी सदभावना दिखाती है। कहीं स्वागत अभिनंदन कहीं प्रसाद-आरती कहीं किसी द्वारा किया भजन कीर्तन वास्तव में शोभायात्रा को सदभावना यात्रा का स्वरूप बना देता है।  

भजन कीर्तन, गीता जी के अध्याय, स्वच्छता अभियान, पर्यावरण जैसे सामाजिक विषयों से जुडी अनेक झांकिया शोभा यात्रा में आकर्षण का केंद्र रही। देर रात श्री कृष्ण कृपा मंदिर में शोभायात्रा की समाप्ति के पश्चात विभिन्न रसिक जनो द्वारा भजन कीर्तन किया गया। श्रद्धालुओं ने गीता मनीषी द्वारा प्रवचनों की अमृतवर्षा का लाभ उठाया। महाराज श्री ने बताया कि अपनी सभी चिंताओं को प्रभु के चरणों में रखकर उसके नाम का चिंतन करोगे तो जीवन तनाव मुक्त व आनंद से भर जाएगा। सत्संग सिमरन के साथ ही रात्रि 12 बजे श्री कृष्ण जी का जन्म उत्सव हर्षोल्लास के साथ मनाया गया तथा समापन अवसर पर श्रद्धालुओं को माखन मिश्री का  प्रसाद वितरित किया गया। इस अवसर पर पेहोवा व आसपास के नगरों की अनेक सामाजिक एवं धार्मिक संस्थाओं की गरिमामय उपस्तिथि रही।

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