जय जगन्नाथ के उद्घोष से गूंज उठा कुरुक्षेत्र ,धमक्षेत्र कुरुक्षेत्र में इस्कॉन की भव्य जगन्नाथ रथ यात्रा सम्पन्न

*इस्कॉन जैसे यात्रा और कही भी नहीं 
*हरयाणा सरकार मंत्री, हजारों भक्तों ने लिया       हिस्सा,
 *भक्ति, संकीतन और सेवा का अद्भुत संगम 

 ब्यूरो चीफ राजेश वर्मा। कुरुक्षेत्र भूमि 
कुरुक्षेत्र 6 जुलाई:
 हरियाणा की पावन धमनगरी कुरुक्षेत्र रववार को भगवान श्री जगन्नाथ की रथ यात्रा में भिक्त, उल्लास और आध्याित्मक ऊजा से सराबोर हो गई। अंतरराष्ट्रीय कृष्णभावनामृत संघ (इस्कॉन) द्वारा आयोिजत इस यात्रा में हजारों श्रद्धालुओं ने भाग लया और नगर को हरनाम संकीतन, पुष्पवषा, रंगोली व भोगों से भिक्त का तीथ बना दया। राजा प्रतापरुद्र सेवा कर मंत्री और पूव मंत्री ने झाड़ी रथ पथ इस वष की रथ यात्रा की वशेषता रही हरयाणा के कृ ष मंत्री श्री श्याम लाल राणा जी और पूव मंत्री श्री सुभाष सुधा जी की सहभागता, िजन्होंने जगन्नाथ जी की रथ यात्रा से पूव परंपरागत "राजा प्रतापरुद्र सेवा" करते हुए रथ के माग को झाड़ू लगाकर शुद्ध कया। मंत्री जी ने कहा क इस्कॉन जैसे यात्राएं और आध्याित्मक कायक्रम और कही भी देखने को नहीं मलता, कुरुक्षेत्र में बन रहा भव्य कृष्ण अजुन मं दर पूरी दुनया में अदभुत है। यह सेवा न केवल वैष्णव परंपरा का प्रतनधत्व करती है, बिल्क सच्चे राजा की वनम्रता का भी प्रतीक है। कायक्रम में अन्य गणमान्य लोग भी सिम्मलत हुए। महाआरती और वशाल भंडारे से हुआ शुभारंभ रथ यात्रा का प्रारंभ दोपहर 12 बजे ज्योतसर िस्थत इस्कॉन श्रीकृष्ण-अजुन मं दर से हुआ, जहाँ सैकड़ों भक्तों की उपिस्थत में भगवान जगन्नाथ, बलराम और सुभद्रा जी की महाआरती की गई। भिक्त-संगीत, वै दक मंत्रों और पुष्प सज्जा से सुसिज्जत मं दर परसर में अत्यंत भावपूण वातावरण था। आरती उपरांत सभी भक्तों के लए लंगर प्रसादम की व्यवस्था की गई। ब ् रह्मसरोवर से प्रारंभ होकर नगर हुआ भिक्त में रंगा शाम 5 बजे रथ यात्रा का प्रारंभ ब्रह्मसरोवर से हुआ। भगवान जगन्नाथ के रथ को श्रद्धालुओं ने प्रेमपूवक रिस्सयों से खींचा और पूरे माग में "हरे कृष्ण महामंत्र" से वातावरण गू ंजता रहा। यात्रा माग में बरला मं दर, रेलवे रोड, पीपली रोड होते हुए सेक्टर 13 िस्थत कांग्रेस भवन तक लगभग 5 कलोमीटर तक भिक्तमय जुलूस चला। पुष्पवषा, रंगोली, स्वागत द्वारों और भोग समपण ने बढ़ाया उत्सव का सौंदय रथ यात्रा माग को अनेक भव्य स्वागत द्वारों, रंगोली सज्जा, फूलों और पताकाओं से सजाया गया था। प्रमुख चौराहों पर क्रेन के माध्यम से पुष्पवषा की गई, िजससे भक्त भाववभोर हो उठे। अनेक स्थानों पर 56 भोग भगवान को समपत कए गए, जो बाहर से आए वशष्ट भक्तों द्वारा पारंपरक वध से तैयार कए गए थे। हरनाम संकीतन में युवाओं की अनुपम भागीदारी यात्रा के आगे-आगे पूरे भारतवष से आए युवा भक्तों की संकीतन मंडलयाँ नृत्य-मृदंग के साथ हरे कृष्ण महामंत्र का संकीतन करती चलीं। महलाएं, बालक, वृद्ध – सभी ने इस भिक्तसंगीत में समान रूप से सहभागता की। 
सुरक्षा, सेवा और व्यवस्था रही उत्तम पूरे कायक्रम के दौरान हरयाणा पुलस, िजला प्रशासन, नगर नगम और इस्कॉन के स्वयंसेवकों द्वारा ट्रैफक, सुरक्षा, जल सेवा, प्राथमक चकत्सा आद की उत्तम व्यवस्था की गई थी। रथ माग पर सफाई, मागदशन और शांत बनाए रखने हेतु स्वयंसेवक पूरे दन सक्रय रहे। रात्र भंडारे के साथ हुआ समापन रथ यात्रा का समापन सेक्टर 13 के कांग्रेस भवन में हुआ, जहाँ सभी भक्तों के लए वशाल रात्र भंडारे का आयोजन कया गया। 7000 से अधक श्रद्धालुओं ने इस पावन अवसर पर भगवान का प्रसाद ग्रहण कया। रथ यात्रा का गहरा ऐतहासक और आध्याित्मक महत्व इस्कॉन कुरुक्षेत्र अध्यक्ष श्री साक्षी गोपाल प्रभुजी ने बताया, "यह रथ यात्रा केवल एक धामक परंपरा नहीं, बिल्क भगवान की साक्षात कृपा है। भगवान स्वयं भक्तों के पास चलकर आते हैं और रथ पर दशन देते हैं।" उपाध्यक्ष श्री मोहन गौरचंद्र प्रभुजी ने सभी सेवा दाताओं का आभार व्यक्त कया और भवष्य में इससे भी अधक भव्य आयोजन का संकल्प दोहराया। 


Post a Comment

Previous Post Next Post