अभिषेक पूर्णिमा
पिहोवा, 2 दिसंबर - इंग्लैंड के साउथ हाल में बने प्रसिद्ध श्रीराम मंदिर में भगवान श्री राम जन्म भूमि अयोध्या व योगेश्वर श्री कृष्ण की जन्मभूमि बृन्दावन से गये साधु महात्माओं ने दर्शन किये। मंदिर ट्रस्ट की और जय शर्मा व गुल्लू आंनद व अन्य पदाधिकारियों ने उनका गर्म जोशी से स्वागत किया।महात्माओं के शिष्टमंडल ने भारत की सांस्कृतिक विरासत को संभालने व धर्म प्रचार प्रसार करने के लिये ट्रस्ट को साधुवाद दिया और उम्मीद जताई कि वे निरंतर अपने प्रयास से विदेशों में धर्म ध्वजा फहराते रहेंगे। महंत महेंद्र दास व आचार्य अभिरामा ने बताया कि उनका दल भगवान श्रीराम के आदर्शों का विदेशों में में प्रचार कर रहा है। जैसे अयोध्या में श्री राम मंदिर के ऊपर घर्म ध्वजा लगाई गई है ऐसी ही अपने घरों पर लगायें या अपने प्रतिष्ठान पर जरूर रखे।कोई भी हिंदू व सनातनी धर्म परिवर्तन ना करे। पूरे विश्व मे सनातन संस्कृति उत्तम है। उन्होंने सभी सगठनों को अयोध्या नगरी में भी आमंत्रित करता है। ताकि वे इस पवित्र जन्म भूमि के दर्शन कर सके।
उन्होंने कहा भारत विश्व स्तर पर सबसे अधिक मजबूत अनूठी संस्कृति वाला एक मात्र देश है जिसमे सभी धर्मों को समान आदर दिया जाता है।सभी धर्मों के त्यौहार बहुत ही आदर पूर्वक श्रद्धा से मनाये जाते हैं। हजारों वर्ष गुजरने के बाद भी महापुरुषों के बताए रास्ते पर चला जा रहा है। वेद व ग्रन्थों, पुराणों के श्लोक बोले जा रहे हैं। श्रीमद भागवत गीता का महोत्सव हर वर्ष मनाया जाता है।जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति अर्जित कर चुका है। इस मौके पर श्रीराम मंदिर के पुजारी संदीप कुश,पंडित कृति, वीर कुश, रिद्धि कुश,मोनिका शर्मा, बलविंद्र, मौजूद थे।

