कुरुक्षेत्र भूमि। राजेश वर्मा
पिहोवा,
पिहोवा ब्लॉक में निजी स्कूल खुलेआम सरकारी आदेशों की धज्जियां उड़ाते दिख रहे हैं। सरकार ने 15 नवंबर से 15 फरवरी तक सभी सरकारी व निजी स्कूलों का समय सुबह 9:30 से दोपहर 3:30 तय किया था, लेकिन यहां निजी स्कूल अपनी मर्ज़ी से टाइमिंग चला रहे हैं। कहीं स्कूल सुबह 8:20, कहीं 8:40, तो कहीं 9:00 बजे शुरू किए जा रहे हैं। छुट्टी का समय भी हर जगह अलग–अलग है।
सबसे बड़ा सवाल—क्या प्रशासन सो रहा है?
ब्लॉक शिक्षा अधिकारी और जिला शिक्षा अधिकारी की चुप्पी ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। 10 दिन गुजर चुके हैं, पर अब तक किसी ने भी स्कूलों की टाइमिंग चेक करने की जहमत नहीं उठाई।
इस मनमानी की मार सबसे ज्यादा उन नौकरीपेशा अभिभावकों पर पड़ रही है जिनके एक से ज्यादा बच्चे अलग-अलग स्कूलों में पढ़ते हैं। रोज सुबह बच्चों को छोड़ने और लेने में भारी परेशानी हो रही है। ऊपर से पहाड़ी क्षेत्रों में ठंडी हवाएं शुरू हो चुकी हैं, छोटे बच्चे बीमार पड़ रहे हैं, लेकिन प्रशासन की आँख अभी भी बंद है।
जिला शिक्षा अधिकारी, कुरुक्षेत्र ने पीएम की रैली के बाद कार्रवाई का आश्वासन दिया था, लेकिन अब तक ज़मीनी स्तर पर कुछ नहीं हुआ।
लोगों का कहना है कि सरकार शायद प्राइवेट स्कूलों के आगे घुटने टेक चुकी है, तभी किसी भी अधिकारी ने कदम नहीं उठाया।
अब जनता पूछ रही है—आखिर कब रुकेगी ये मनमानी?
और सरकारी आदेशों की अगर कोई कद्र ही नहीं, तो नियम क्यों बनाए जाते हैं?
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