राजेश वर्मा। कुरुक्षेत्र भूमि
कुरुक्षेत्र 9, सिंतबर
कुरुक्षेत्र 9, सिंतबर
उपायुक्त विश्राम कुमार मीणा ने कहा कि मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की घोषणा से ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल को 15 सितंबर 2025 तक खोला जा चुका है। इस पर हाल ही में आई बारिश, जलभराव और भारी वर्षा के कारण प्रभावित किसानों की सुविधा को देखते हुए सरकार ने फैसला लिया है। उन्होंने कहा कि खरीफ 2025 में फसल क्षति पंजीकरण के लिए ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल जिला कुरुक्षेत्र के गांवों को शामिल किया गया है। अब इन गांवों के सभी प्रभावित किसान 15 सितंबर तक अपने दावे पोर्टल पर दर्ज करा सकेंगे।
उपायुक्त विश्राम कुमार मीणा ने कहा कि जिला राजस्व अधिकारी पोर्टल के माध्यम से प्राप्त दावों का सत्यापन विशेष गिरदावरी के रूप में करेंगे। इन आंकलनों के आधार पर निर्धारित मानकों के अनुसार किसानों को मुआवजा प्रदान किया जाएगा। उन्होंने किसानों से अपील की है कि वे बढ़ी हुई समय सीमा का लाभ उठाते हुए जल्द से जल्द फसल क्षति का पंजीकरण करें। उन्होंने कहा कि जिन गांवों में किसी कारण से आवेदन में रुकावट है तो वहां पर प्रशासन द्वारा स्पेशल शिविरों का आयोजन किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (एसडीआरएफ) के मानकों के तहत बाढ़, पानी भराव और भारी वर्षा की घटनाएं ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल पर दावा पंजीकरण के लिए मान्य हैं। प्रभावित किसानों द्वारा दावा दर्ज कराने के बाद पटवारी, कानूनगो, सर्कल रेवेन्यू ऑफिसर, डीआरओ, एसडीओ (सी) तक राजस्व अधिकारी फसल क्षति का आंकलन करेंगे और मुआवजा जारी करने की प्रक्रिया शुरू करेंगे।
उपायुक्त विश्राम कुमार मीणा ने कहा कि जिला राजस्व अधिकारी पोर्टल के माध्यम से प्राप्त दावों का सत्यापन विशेष गिरदावरी के रूप में करेंगे। इन आंकलनों के आधार पर निर्धारित मानकों के अनुसार किसानों को मुआवजा प्रदान किया जाएगा। उन्होंने किसानों से अपील की है कि वे बढ़ी हुई समय सीमा का लाभ उठाते हुए जल्द से जल्द फसल क्षति का पंजीकरण करें। उन्होंने कहा कि जिन गांवों में किसी कारण से आवेदन में रुकावट है तो वहां पर प्रशासन द्वारा स्पेशल शिविरों का आयोजन किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (एसडीआरएफ) के मानकों के तहत बाढ़, पानी भराव और भारी वर्षा की घटनाएं ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल पर दावा पंजीकरण के लिए मान्य हैं। प्रभावित किसानों द्वारा दावा दर्ज कराने के बाद पटवारी, कानूनगो, सर्कल रेवेन्यू ऑफिसर, डीआरओ, एसडीओ (सी) तक राजस्व अधिकारी फसल क्षति का आंकलन करेंगे और मुआवजा जारी करने की प्रक्रिया शुरू करेंगे।
Tags
कुरुक्षेत्र