"भोले नाथ जब मेरे साथ हैं, बोलो डरने की क्या बात है…"


अभिषेक पूर्णिमा/राजेश वर्मा 

प्रभातफेरी बनी श्रद्धा, भक्ति और भाव की अनुपम गाथा

पिहोवा, 10 जुलाई : प्रभात बेला में गूंजते भजनों की सुरलहरियां, मंत्रोच्चारण की दिव्य ध्वनि और श्रद्धालुओं की भावभंगिमा ने आज मॉडल टाउन को भक्ति का तीर्थ बना दिया। परम श्रद्धेय, परम पूज्य, महामण्डलेश्वर, गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद जी महाराज के आशीर्वाद और प्रेरणा से आज की प्रभातफेरी का आयोजन खजांची लाल बंसल परिवार के सौजन्य से आयोजित हुआ।

यह प्रभातफेरी जैसे-जैसे आगे बढ़ी, वातावरण में दिव्यता, आध्यात्मिकता और सच्ची श्रद्धा का संचार होता चला गया। वैदिक मंत्रोच्चार से आरंभ इस यात्रा में भक्तिरस की सरिता बहती रही, और भजन गायकों – जगदीश तनेजा, सुरेश वर्मा, राज धवन, नरेश शर्मा, कुश चुचरेजा, सुशील गर्ग, वीना नारंग, जितेंद्र वर्मा और बलराज मित्तल ने अपने सुमधुर स्वरों से प्रभु की उपासना में हर दिल को रंग दिया।


इस प्रभातफेरी का हृदयस्पर्शी क्षण तब आया जब दानी तनेजा ने “भोले नाथ जब मेरे साथ है, बोलो डरने की क्या बात है” और अमित खुराना ने “किशोरी तेरी चरनन की रज पाउँ…” जैसे भजनों को स्वर दिया। हर शब्द मानो आत्मा को झकझोर गया और श्रद्धालु झूम उठे।

कार्यक्रम के एक सुंदर भावात्मक मोड़ पर, नंदलाल सिंगला, रामबिलास मित्तल, दिनेश सुखीजा और राकेश सर्राफ ने आयोजनकर्ता बंसल परिवार को ठाकुरजी का स्वरूप भेंट कर आयोजन को चिरस्मरणीय बना दिया। इसके बाद सामूहिक रूप से श्रीमद्भगवद्गीता के श्लोकों का पाठ हुआ, जिसने इस आयोजन को और भी पावन बना दिया।

मंच से जगदीश तनेजा ने एक अत्यंत प्रेरणादायक कथा सुनाई — एक व्यक्ति ने संत से पूछा कि प्रभु के दर्शन कब होंगे? संत बोले, "इस वृक्ष पर जितने पत्ते हैं, उतने जन्मों के बाद।" एक व्यक्ति यह सुनकर उदास हो गया, पर दूसरे ने जब यही सुना, तो वह आनंदित हो उठा – "प्रभु के दर्शन निश्चित हैं, चाहे समय लगे।" यही विश्वास, यही श्रद्धा अगर जीवन में हो, तो प्रभु मिलन अवश्यंभावी है।


आयोजक खजांची लाल बंसल और उनके परिवार ने श्रद्धालुओं का स्नेहपूर्वक स्वागत कर, सभी के प्रति कृतज्ञता प्रकट की।

इस अलौकिक आयोजन में नगर के अनेक गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे, जिनमें सुरेश बंसल, प्रवीण बंसल, देवी दयाल बंसल, सुभाष मित्तल, सचिन बंसल, नवीन गर्ग, नंदलाल सिंगला, गोपाल धीमान, बलदेव राज गर्ग, जोगिंदर बंसल, ज्ञानी राम बंसल, सुमन बंसल, पुरुषोत्तम गर्ग, मुरारी लाल गर्ग, श्रवण वर्मा, कन्हैया वर्मा, ओम प्रकाश ग्रोवर, डॉ. राकेश अरोड़ा, सतीश छाबड़ा, राजीव नंदराजोग, रामविलास मित्तल, आशु कक्कड़, महेंद्र गर्ग, सतपाल अरोड़ा, विक्रांत चावला, योगेश धवन, टेकचंद बंसल, वेद प्रकाश गर्ग, आशु वासन, अनिल मित्तल, प्रवीण सिंगला, देवदत्त मोदगिल, मदन मित्तल, मनोहर लाल शर्मा और नरेश मिगलानी शामिल थे।

प्रभु भक्ति के ऐसे आयोजन न केवल आत्मा को निर्मल करते हैं, अपितु समाज को भी जोड़ने का काम करते हैं। यही सच्ची सेवा है, यही सच्चा उत्सव।

कार्यक्रम के समापन पर मीडिया प्रभारी भरत तनेजा ने जानकारी दी कि अगली प्रभातफेरी शनिवार को सतीश बंसल के सौजन्य से नंद कॉलोनी में आयोजित की जाएगी।

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