राजेश वर्मा। विलेज ईरा
पिहोवा 21 सितम्बर -
रिटर्निंग अधिकारी एवं उपमंडल अधिकारी अमन कुमार ने कहा कि चुनाव में अपनी ड्यूटी देना गर्व का विषय है और इसे हमें देश के प्रति कर्तव्य मानकर निभाना चाहिए। दुनिया के सबसे बड़े प्रजातंत्र में निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण चुनाव संपन्न करवाने की जिम्मेवारी चुनावी प्रक्रिया में लगे अधिकारियों व कर्मचारियों के कंधों पर है। ऐसे में हमारी भूमिका पूर्णत निष्पक्ष रहनी चाहिए।
शनिवार को पिहोवा के टैगोर पब्लिक स्कूल के सभागार में विधानसभा चुनाव को शांतिपूर्ण एवं निष्पक्ष चुनाव संपन्न करवाने में अहम भूमिका निभाने वाले पीठासीन (पीओ) और सहायक पीठासीन अधिकारियों (एपीओ) को ट्रेनिंग दी गई है। ईवीएम, वीवीपैट, मतदाता पहचान पत्र के दस्तावेज, प्रयोग में लाए जाने वाले विभिन्न प्रकार के फार्म, पोस्टल वोट, माइक्रो पर्यवेक्षक, पोलिंग बूथ के अंदर प्रवेश करने वाले अधिकृत लोगों सहित अन्य चुनावी संबंधी जितने भी पहलू है, उन सभी के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान की गई। मास्टर ट्रेनरों ने सीयू, बीयू और वीवीपैट तथा सील लगाने के तरीके बारे में जानकारी देते हुए कहा कि हमें भारत निर्वाचन आयोग की प्रत्येक गाइडलाइन का पालन करते हुए चुनाव को निष्पक्षता के साथ संपन्न करवाना है और इसके लिए हमें चुनावी प्रक्रिया की हर गतिविधि को पारदर्शी तरीके से अपनाना है।
आरओ अमन कुमार ने कहा कि चुनाव शुरू होने से पहले किया जाने वाला मॉक पोल चुनाव को पारदर्शी बनाने की सबसे अहम कसौटी है। चुनाव आयोग की हिदायत अनुसार मॉक पोल के दौरान 50 वोट डलवाना सुनिश्चित करें। पीओ तथा एपीओ अपने स्तर पर मतदान केंद्र के निर्धारित स्थान में बदलाव नहीं कर सकते। अपरिहार्य स्थिति में इसके लिए उन्हें पहले आरओ को बताना होगा। मंजूरी मिलने पर ही इस दिशा में कोई कदम उठाया जा सकता है। प्रशिक्षण के दौरान मतदान खत्म होने पर ईवीएम तथा वीवीपैट को सील करने के तरीके की जानकारी भी दी गई। प्रशिक्षण के दौरान सभी पोलिंग पार्टियों को ट्रेनरों ने बताया कि वे मतदान से एक घंटा पहले मॉक पोल की प्रक्रिया को एजेंटों की मौजूदगी में पूरा करे।
शनिवार को पिहोवा के टैगोर पब्लिक स्कूल के सभागार में विधानसभा चुनाव को शांतिपूर्ण एवं निष्पक्ष चुनाव संपन्न करवाने में अहम भूमिका निभाने वाले पीठासीन (पीओ) और सहायक पीठासीन अधिकारियों (एपीओ) को ट्रेनिंग दी गई है। ईवीएम, वीवीपैट, मतदाता पहचान पत्र के दस्तावेज, प्रयोग में लाए जाने वाले विभिन्न प्रकार के फार्म, पोस्टल वोट, माइक्रो पर्यवेक्षक, पोलिंग बूथ के अंदर प्रवेश करने वाले अधिकृत लोगों सहित अन्य चुनावी संबंधी जितने भी पहलू है, उन सभी के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान की गई। मास्टर ट्रेनरों ने सीयू, बीयू और वीवीपैट तथा सील लगाने के तरीके बारे में जानकारी देते हुए कहा कि हमें भारत निर्वाचन आयोग की प्रत्येक गाइडलाइन का पालन करते हुए चुनाव को निष्पक्षता के साथ संपन्न करवाना है और इसके लिए हमें चुनावी प्रक्रिया की हर गतिविधि को पारदर्शी तरीके से अपनाना है।
आरओ अमन कुमार ने कहा कि चुनाव शुरू होने से पहले किया जाने वाला मॉक पोल चुनाव को पारदर्शी बनाने की सबसे अहम कसौटी है। चुनाव आयोग की हिदायत अनुसार मॉक पोल के दौरान 50 वोट डलवाना सुनिश्चित करें। पीओ तथा एपीओ अपने स्तर पर मतदान केंद्र के निर्धारित स्थान में बदलाव नहीं कर सकते। अपरिहार्य स्थिति में इसके लिए उन्हें पहले आरओ को बताना होगा। मंजूरी मिलने पर ही इस दिशा में कोई कदम उठाया जा सकता है। प्रशिक्षण के दौरान मतदान खत्म होने पर ईवीएम तथा वीवीपैट को सील करने के तरीके की जानकारी भी दी गई। प्रशिक्षण के दौरान सभी पोलिंग पार्टियों को ट्रेनरों ने बताया कि वे मतदान से एक घंटा पहले मॉक पोल की प्रक्रिया को एजेंटों की मौजूदगी में पूरा करे।
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