अभिषेक पूर्णिमा
उपायुक्त विश्राम कुमार मीणा ने गांव झांसा सहित अन्य क्षेत्रों का किया निरीक्षण, किसानों और नागरिकों का हर संभव सहयोग करने के लिए तत्पर है प्रशासन और सरकार, जल्द खुलेगा ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल
पिहोवा 21 अगस्त। उपायुक्त विश्राम कुमार मीणा ने कहा कि मारकंडा के आस-पास झांसा और अन्य गांव के नागरिकों को जलभराव की समस्या से निजात दिलवाने के लिए स्थाई समाधान किया जाएगा। इसके लिए ड्रोन से सर्वे करने उपरांत योजना तैयार की जाएगी, इस योजना को अलग-अलग चरणों में पूरा किया जाएगा।
उपायुक्त विश्राम कुमार मीणा वीरवार को देर सांय गांव झांसा सहित अन्य क्षेत्रों का दौरा करने उपरांत अधिकारियों को कुछ आवश्यक दिशा निर्देश दे रहे थे। जिस क्षेत्र में जल भराव की समस्या आ रही है, वहां पर मुरम्मत कार्य तुरंत प्रभाव से करवाएं। इस कार्य में लापरवाही या देरी सहन नहीं की जाएगी। इतना ही नहीं जहां भी पानी की निकासी का प्रबंध नहीं वहां पर दिन-रात कार्य करके उस जगह को दुरुस्त करवाया जाए। सभी अधिकारी व कर्मचारी लगातार फील्ड में जाकर पानी की निकासी के साथ-साथ वहां पर सडक़ों का जायजा लें। इस दौरान उपायुक्त ने उपमंडल पिहोवा के नैसी, टबरा, जलबेड़ा सहित अन्य कई गावों का दौरा किया तथा वहां लोगों के बीच जाकर उनकी समस्याएं सुनीं।
उन्होंने कहा कि जलभराव के कारण कई गांवों के किसानों की फसलें खराब हुई हैं तथा अन्य नुकसान हुए हैं। इसी बात को मद्देनजर रखते हुए प्रशासन द्वारा क्षतिपूर्ति पोर्टल पर प्रभावित लोग अपना सम्पूर्ण ब्यौरा डाल सकते हैं, जिसमें जलभराव से हुए नुकसान के बारे में विस्तार से आंकलन किया जाएगा तथा समयबद्घ तरीके से प्रभावित किसान को मुआवजा या अन्य सहुलियत दी जाएगी। उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त भी यदि कोई समस्या है तो समाधान शिविरों के माध्यम से अथवा सम्ंबधित एसडीएम या अन्य प्रशासनिक अधिकारी के माध्यम से किसी भी समय वे अपनी समस्या प्रशासन तक पंहुचा सकते हैं।
उन्होंने कहा कि पिहोवा उपमंडल के साथ-साथ अन्य क्षेत्रों में जहां-जहां भी हर साल जलभराव की समस्या आती है उसे स्थाई रूप से दूर करने का प्रयास किया जाएगा। इसके लिए ड्रोन और विभागीय अधिकारियों के माध्यम से सर्वे करने उपरांत योजना तैयार की जाएगी। इस योजना को अलग-अलग चरणों में पूरा करने का प्रस्ताव सरकार के पास भेजा जाएगा ताकि इस क्षेत्र के लोगों को हर साल उत्पन्न होने वाली जल भराव की समस्या निजात दिलवाई जा सके। उन्होंने कहा कि किसानों की खराब फसलों का मुआवजा दिया जाएगा। इसके लिए जल्द ही ई क्षतिपूर्ति पोर्टल खोला जाएगा।
उपमंडल अधिकारी नागरिक अभिनव सिवाच ने कहा कि पहाड़ी क्षेत्र में हो रही बारिश के कारण मारकंडा का जलस्तर बढऩे से पिहोवा के गांव प्रभावित हुए है। इन प्रभावित क्षेत्रों पर प्रशासन की तरफ से 24 घंटे निगरानी रखी जा रही है। इतना ही नहीं, उन्हें रात करीब एक बजे सूचना मिली कि जलबेड़ा हेड पर गेज लेवल बढकऱ 6.3 फीट हो गया और डिस्चार्ज लेवल 12434.5 सेल्सियस था, जिससे आस-पास के इलाकों के साथ-साथ सिंचाई पंप हाउस में भी पानी भर सकता था और उसे नुकसान हो सकता था। परंतु तुरंत प्रभाव से मौके पर रात एक बजे पंहुचकर एसडीओ और सिंचाई अधिकारी तथा सरपंच के साथ मौके पर मुआयना किया और रेत की बोरियां लगाई गईं, तटबंधों को मजबूत किया गया और जल स्तर में वृद्धि को नियंत्रित किया गया, जिसके पश्चात स्थिति पर नियंत्रण किया गया।
उन्होंने कहा कि मारकंडा और आस-पास के प्रभावित क्षेत्रों में लोगों को दिक्कत नहीं आने दी जाएगी। लोगों की हर संभव मदद प्रशासन की तरफ से की जा रही है। इन क्षेत्रों में फसल को बचाने के लिए पानी की निकासी के लिए भी सिंचाई विभाग की तरफ से हर संभव प्रयास किए जा रहे है। इसके लिए पर्याप्त मात्रा में सिंचाई विभाग की तरफ से संसाधन उपलब्ध करवाए जा रहे है। उन्होंने सिंचाई विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि मारकंडा में जलस्तर के बारे में पल-पल की जानकारी प्रशासन को उपलब्ध करवाई जाए और लोगों को भी जागरूक किया जाए ताकि किसी प्रकार की अफवाह न फैले। इस मौके पर तहसीलदार पूनम सोलंकी, नायब तहसीलदार इस्माईलाबाद सागर, अनिल एसडीओ झांसा सिंचाई विभाग, राकेश कंबोज एसडीओ पिहोवा, सुबोध कानूनगो रिवेन्यू विभाग सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।
उपायुक्त विश्राम कुमार मीणा वीरवार को देर सांय गांव झांसा सहित अन्य क्षेत्रों का दौरा करने उपरांत अधिकारियों को कुछ आवश्यक दिशा निर्देश दे रहे थे। जिस क्षेत्र में जल भराव की समस्या आ रही है, वहां पर मुरम्मत कार्य तुरंत प्रभाव से करवाएं। इस कार्य में लापरवाही या देरी सहन नहीं की जाएगी। इतना ही नहीं जहां भी पानी की निकासी का प्रबंध नहीं वहां पर दिन-रात कार्य करके उस जगह को दुरुस्त करवाया जाए। सभी अधिकारी व कर्मचारी लगातार फील्ड में जाकर पानी की निकासी के साथ-साथ वहां पर सडक़ों का जायजा लें। इस दौरान उपायुक्त ने उपमंडल पिहोवा के नैसी, टबरा, जलबेड़ा सहित अन्य कई गावों का दौरा किया तथा वहां लोगों के बीच जाकर उनकी समस्याएं सुनीं।
उन्होंने कहा कि जलभराव के कारण कई गांवों के किसानों की फसलें खराब हुई हैं तथा अन्य नुकसान हुए हैं। इसी बात को मद्देनजर रखते हुए प्रशासन द्वारा क्षतिपूर्ति पोर्टल पर प्रभावित लोग अपना सम्पूर्ण ब्यौरा डाल सकते हैं, जिसमें जलभराव से हुए नुकसान के बारे में विस्तार से आंकलन किया जाएगा तथा समयबद्घ तरीके से प्रभावित किसान को मुआवजा या अन्य सहुलियत दी जाएगी। उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त भी यदि कोई समस्या है तो समाधान शिविरों के माध्यम से अथवा सम्ंबधित एसडीएम या अन्य प्रशासनिक अधिकारी के माध्यम से किसी भी समय वे अपनी समस्या प्रशासन तक पंहुचा सकते हैं।
उन्होंने कहा कि पिहोवा उपमंडल के साथ-साथ अन्य क्षेत्रों में जहां-जहां भी हर साल जलभराव की समस्या आती है उसे स्थाई रूप से दूर करने का प्रयास किया जाएगा। इसके लिए ड्रोन और विभागीय अधिकारियों के माध्यम से सर्वे करने उपरांत योजना तैयार की जाएगी। इस योजना को अलग-अलग चरणों में पूरा करने का प्रस्ताव सरकार के पास भेजा जाएगा ताकि इस क्षेत्र के लोगों को हर साल उत्पन्न होने वाली जल भराव की समस्या निजात दिलवाई जा सके। उन्होंने कहा कि किसानों की खराब फसलों का मुआवजा दिया जाएगा। इसके लिए जल्द ही ई क्षतिपूर्ति पोर्टल खोला जाएगा।
उपमंडल अधिकारी नागरिक अभिनव सिवाच ने कहा कि पहाड़ी क्षेत्र में हो रही बारिश के कारण मारकंडा का जलस्तर बढऩे से पिहोवा के गांव प्रभावित हुए है। इन प्रभावित क्षेत्रों पर प्रशासन की तरफ से 24 घंटे निगरानी रखी जा रही है। इतना ही नहीं, उन्हें रात करीब एक बजे सूचना मिली कि जलबेड़ा हेड पर गेज लेवल बढकऱ 6.3 फीट हो गया और डिस्चार्ज लेवल 12434.5 सेल्सियस था, जिससे आस-पास के इलाकों के साथ-साथ सिंचाई पंप हाउस में भी पानी भर सकता था और उसे नुकसान हो सकता था। परंतु तुरंत प्रभाव से मौके पर रात एक बजे पंहुचकर एसडीओ और सिंचाई अधिकारी तथा सरपंच के साथ मौके पर मुआयना किया और रेत की बोरियां लगाई गईं, तटबंधों को मजबूत किया गया और जल स्तर में वृद्धि को नियंत्रित किया गया, जिसके पश्चात स्थिति पर नियंत्रण किया गया।
उन्होंने कहा कि मारकंडा और आस-पास के प्रभावित क्षेत्रों में लोगों को दिक्कत नहीं आने दी जाएगी। लोगों की हर संभव मदद प्रशासन की तरफ से की जा रही है। इन क्षेत्रों में फसल को बचाने के लिए पानी की निकासी के लिए भी सिंचाई विभाग की तरफ से हर संभव प्रयास किए जा रहे है। इसके लिए पर्याप्त मात्रा में सिंचाई विभाग की तरफ से संसाधन उपलब्ध करवाए जा रहे है। उन्होंने सिंचाई विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि मारकंडा में जलस्तर के बारे में पल-पल की जानकारी प्रशासन को उपलब्ध करवाई जाए और लोगों को भी जागरूक किया जाए ताकि किसी प्रकार की अफवाह न फैले। इस मौके पर तहसीलदार पूनम सोलंकी, नायब तहसीलदार इस्माईलाबाद सागर, अनिल एसडीओ झांसा सिंचाई विभाग, राकेश कंबोज एसडीओ पिहोवा, सुबोध कानूनगो रिवेन्यू विभाग सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।