"राधा रानी है मेरे साथ, फिकर हमें काहे की…" भक्ति में डूबी नंद कॉलोनी की प्रभात बेला

अभिषेक पूर्णिमा/राजेश वर्मा 

पिहोवा, 5 जुलाई  :---आज नंद कॉलोनी की गलियों में जब प्रभात की कोमल किरणें उतर रही थीं, तब उस अलसाई सुबह को जागृत कर रही थी श्रद्धा की एक अनुपम कहानी—प्रभात फेरी।

परम श्रद्धेय, परम पूज्य, महामण्डलेश्वर, गीता मनीषी स्वामी श्री ज्ञानानंद जी महाराज के आशीर्वाद और प्रेरणा से यह दिव्य प्रभात फेरी विक्की सैनी के सौजन्य से संपन्न हुई। यह केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं था, बल्कि यह आत्मा को छू लेने वाली उस यात्रा का नाम था जिसमें सैकड़ों श्रद्धालु अपने प्रभु से जुड़ने निकले थे।

संकल्प, श्रद्धा और सेवा की त्रिवेणी इस प्रभात बेला में स्पष्ट दिखाई दी। वैदिक मंत्रोच्चार के साथ जब प्रभात फेरी आरंभ हुई, तो ऐसा लगा मानो स्वयं देवगण आशीर्वाद देने को उपस्थित हों। वातावरण भक्तिरस में डूबा हुआ था और प्रत्येक हृदय ईश्वर के नाम में लीन।

भजन गायकों की टोली—जगदीश तनेजा, सुरेश वर्मा, सागर कश्यप, जितेंद्र वर्मा, विक्की वोहरा, राज धवन, सुखदेव शर्मा, बॉबी अत्र, नरेश शर्मा, वीना नारंग, मोनू गाबा और धर्मपाल वैरागी ने जब अपने मधुर स्वर बिखेरे, तो हर श्रोता जैसे किसी अन्य लोक में पहुँच गया।


गुलशन अरोड़ा द्वारा प्रस्तुत भजन "राधा रानी है मेरे साथ, फिकर हमें काहे की…" और राकेश शर्मा का "प्रभु दिता मेनू मस्त बना, मस्तीया में वंडदा फिरा" तो जैसे आत्मा की गहराइयों को छू गए। श्रद्धालु झूमते रहे, मुस्कराते रहे, और हर स्वर के साथ अपने अंतर को प्रभु के चरणों में समर्पित करते रहे।

इस आध्यात्मिक संध्या को और भी पावन बनाया जब रमेश मौर्य, तीरथ राम धीमान, हरिओम अग्रवाल, फूल सिंह पाल और मनोज शर्मा ने आयोजक सैनी परिवार को ठाकुर जी का स्वरूप भेंट किया—एक अनमोल स्मृति, जो आने वाले वर्षों तक इस आयोजन की आत्मीयता को जीवित रखेगी।

इसके पश्चात श्रीमद्भगवद्गीता के श्लोकों का सामूहिक पाठ हुआ, जिसने पूरे आयोजन को दिव्यता और शांति से भर दिया।

सैनी परिवार की ओर से सभी श्रद्धालुओं का स्नेहपूर्वक स्वागत किया गया। हर आगंतुक के प्रति आदर और आभार उनके भावों से स्पष्ट झलक रहा था।

इस शुभ अवसर पर प्रवीण सैनी, संजय सैनी, केशव, पारस, रूद्र, ममता, तनु शर्मा, आरती, प्रेमलता, मास्टर चेलाराम, अश्वनी सैनी, राजू धवन, राजेंद्र तनेजा, मनजीत सिंह, वरुण लाहड़, गंगाशरण शर्मा, प्रदीप शर्मा, पारस मल्होत्रा, जयभगवान धवन, राजकुमार धमीजा, रमेश गाबा, सनी वर्मा, मदन चावला, मुकेश चावला, सुभाष गुप्ता और राजेश गर्ग सहित अनेक गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।

यह प्रभात फेरी सिर्फ एक धार्मिक आयोजन नहीं थी, बल्कि वह जीवंत कथा थी जिसमें भक्ति, भाव, सेवा और समर्पण की अनगिनत परतें छुपी थीं। पिहोवा की इस प्रभात बेला ने एक बार फिर सिद्ध किया कि जब श्रद्धा मिलती है सेवा से, तो हर सुबह तीर्थ बन जाती है।

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