सरस्वती के नाम पर करोड़ों का बजट, लेकिन सफाई पर लापरवाही: शिवसेना हिंदुस्तान ने की जांच
राजेश वर्मा। विलेज ईरा
कुरुक्षेत्र,
हरियाणा सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष धुमन सिंह किरमच पर सरस्वती नदी के विकास के नाम पर जनता को गुमराह करने और सरकारी धन के दुरुपयोग के आरोप लग रहे हैं। सरस्वती नदी के संरक्षण और सौंदर्यीकरण के लिए करोड़ों रुपए का बजट मंजूर होने के बावजूद नदी की हालत बदतर बनी हुई है।
शिवसेना हिंदुस्तान हरियाणा के अध्यक्ष जगीर मोर ने इस मामले पर कड़ा रुख अपनाते हुए कहा है कि सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड के फंड्स की एक स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराई जानी चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि सरस्वती के नाम पर सरकारी पैसे का दुरुपयोग हो रहा है, जबकि नदी की सफाई और विकास पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा।
जगीर मोर ने कहा कि पिहोवा स्थित सरस्वती नदी क्षेत्र की शोभा बढ़ाने और इसे स्वच्छ बनाने के लिए ठोस कदम उठाए जाने चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को अपने बजटीय खर्चों का जनता के सामने सार्वजनिक ऑडिट करना चाहिए, ताकि यह साफ हो सके कि धनराशि कहां और कैसे खर्च की गई है।
जगीर मोर ने हरियाणा सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष धुमन सिंह किरमच से तुरंत कार्यवाही की मांग की है। उन्होंने कहा कि जब तक सरस्वती नदी में बहता पानी सुनिश्चित नहीं किया जाता और उसके सौंदर्यीकरण पर ध्यान नहीं दिया जाता, तब तक इस मामले को गंभीरता से उठाया जाएगा।
मोर ने हरियाणा सरकार से आग्रह किया कि सरस्वती नदी के नाम पर आवंटित सभी खर्चों की जांच कराई जाए और दोषी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। उन्होंने यह भी मांग की कि नदी की सफाई के लिए विशेष अभियान चलाया जाए और सरस्वती को उसके ऐतिहासिक और सांस्कृतिक गौरव के अनुरूप पुनर्जीवित किया जाए।
"सरस्वती की शोभा बढ़ाने के लिए ठोस कार्यवाही ही जनता का भरोसा जीतने का एकमात्र तरीका है।
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