पिहोवा में अनाधिकृत कॉलोनियों का अवैध धंधा: भोले-भाले लोगों को ठगने का खेल जारी
पत्रकार विनोद सैनी
पिहोवा,
पिहोवा में अनप्रूवड जमीन पर कॉलोनी काटने और प्लॉट बेचने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। नियमों और कायदे कानूनों को ताक पर रखते हुए भू-माफिया अवैध कॉलोनियों में प्लॉट बेचकर भोले-भाले लोगों को ठग रहे हैं। सरकार और प्रशासन इस मुद्दे पर कार्रवाई करने में पूरी तरह विफल साबित हो रहे हैं।
कैसे चल रहा है यह अवैध धंधा?
अवैध कॉलोनियों को बेचने वाले दलालों और भ्रष्ट कर्मचारियों का एक पूरा नेटवर्क सक्रिय है। झूठे दस्तावेज तैयार कर नगर पालिका से एनडीसी (नॉन ड्यूलिटी सर्टिफिकेट) प्राप्त कर ली जाती है। इसके बाद दलालों के जरिए ग्राहकों को प्लॉट बेचने का खेल खेला जाता है।
प्लॉट खरीदने वाले भोले लोग अपनी जीवनभर की जमा पूंजी लगाकर घर बनाने का सपना देखते हैं, लेकिन जब सरकारी नियमों का उल्लंघन सामने आता है तो उन्हें कानूनी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
दस्तावेजों की धांधली और भ्रष्टाचार का बोलबाला
फर्जी दस्तावेज बनाकर प्लॉट खरीददारों से हस्ताक्षर करवाए जाते हैं। यदि किसी प्रकार की गड़बड़ी पकड़ी भी जाती है तो रजिस्ट्री करवाने वाले दलाल और प्लॉट बेचने वाले आसानी से बच निकलते हैं। अंततः खरीददार इस जाल में फंसकर अपनी पूरी जमा पूंजी गंवा देता है।
प्रॉपर्टी आईडी बना सिरदर्द
सरकार की ओर से प्रॉपर्टी आईडी के जरिए अवैध कॉलोनियों पर अंकुश लगाने की कोशिश की गई थी, लेकिन यह भी लोगों के लिए परेशानी का सबब बन गया है। इन कॉलोनियों में मकान बनाने वालों को हर समय अपने घर गिराए जाने का डर सताता रहता है। भ्रष्ट अधिकारी और कर्मचारी इस डर का फायदा उठाकर उनसे घूस वसूलते हैं।
सरकार से अपील
स्थानीय नागरिकों और सामाजिक संगठनों ने इस अवैध धंधे पर तुरंत रोक लगाने की मांग की है। उनका कहना है कि सरकार को अवैध कॉलोनियों में प्लॉट बेचने वाले भू-माफियाओं पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। साथ ही, एक जांच कमेटी बनाकर दोषियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जानी चाहिए, ताकि लोगों को इस ठगी से बचाया जा सके।
यदि इस समस्या का समाधान नहीं किया गया तो सैकड़ों लोग अपनी जमा पूंजी और सपनों से हाथ धो बैठेंगे। सरकार और प्रशासन को इस दिशा में तुरंत कदम उठाने की आवश्यकता है।
Tags
पिहोवा