राजेश वर्मा। पिहोवा,
- ब्रह्माकुमारीज संस्थान के मेडिकल विंग और भारत सरकार के सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग ने साइन किया एमओयू
- स्कूल-कॉलेज, सामाजिक संस्थाओं, फैक्ट्री, इंडस्ट्रीज में लोगों को बता रहे नशे के दुष्परिणाम
- कार्यक्रम में दिला रहे नशामुक्ति की शपथ, अब तक हजारों लोगों का बदला जीवन
फैक्ट-
5500 ब्रह्माकुमारीज सेवाकेंद्र पर चलाया जा रहा अभियान
50 हजार ब्रह्माकुमारीज पाठशालाओं के माध्यम से कार्यक्रम जारी
02 दो लाख वालेंटियर भाई-बहनें अभियान में जुटे
03 साल तक देशभर में चलाया जाएगा अभियान
40 साल से मेडिकल विंग नशा मुक्ति की जगा रहा है अलख
24 लाख लोगों ने ब्रह्माकुमारीज के प्रयासों से नशा छोड़ा
02 हजार डॉक्टर, नर्स देशभर में संस्था से जुड़कर दे रहे सेवा
आबू रोड/राजस्थान, ब्रह्माकुमारीज संस्थान द्वारा चलाया जा रहा नशामुक्त भारत अभियान आज जन आंदोलन बन गया है। गांव से लेकर मेगा शहरों में नशा मुक्त भारत के स्वप्न को साकार करने के लिए ब्रह्माकुमार भाई-बहनें सभा, सम्मेलन, नुक्कड़ नाटक, रैली, गोष्ठी के माध्यम से लोगों को जागरूक करने में जीजान से जुटे हैं। ब्रह्माकुमारीज के मेडिकल विंग और भारत सरकार के सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग द्वारा हाल ही में एक एमओयू साइन किया गया है। इसके तहत ब्रह्माकुमारीज संस्थान द्वारा नशामुक्त भारत अभियान को गति देने और युवाओं को नशे के दुष्परिणामों से रुबरु कराने के लिए देशभर में जागरूकता रैली और कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। नशे की गिरफ्त में फंसे युवाओं की व्यक्तिगत स्तर पर काउंसलिंग कर उन्हें सात्विक जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।
देशभर के 5500 सेवाकेंद्रों पर अभियान जारी-
नशामुक्त भारत अभियान को गति देने के लिए ब्रह्माकुमारीज के देशभर में स्थित 5500 सेवाकेंद्रों के माध्यम से कार्यक्रम आयोजित कर लोगों को नशा छोडऩे और अन्य लोगों को भी नशे से दूर रहने के लिए प्रेरित करने की शपथ दिलाई जा रही है। इसमें 50 हजार ब्रह्माकुमारीज पाठशालाओं से गांव-गांव में बच्चों, युवाओं, ग्रामीणों को नशामुक्ति का संदेश दिया जा रहा है। अभियान में दो लाख वालेंटियर भाई-बहनें नि:शुल्क रूप से तन-मन-धन से सेवाएं दे रहे हैं। यह अभियान देशभर में तीन साल तक चलाया जाएगा।
बता दें कि पिछले 40 साल से मेडिकल विंग लोगों में नशा मुक्ति की अलख जगा रहा है। विंग के प्रयासों से अब तक 24 लाख से अधिक लोगों ने ब्रह्माकुमारीज से जुड़कर किसी न किसी तरह का नशा छोड़ा है। देशभर में करीब दो हजार डॉक्टर, नर्स भी अपनी सेवाएं दे रहे हैं।
राजयोग मेडिटेशन से बढ़ेगी इच्छा शक्ति-
दुनिया में कोई भी नया काम शुरू करने, बुरी आदत को छोडऩे और जीवन में अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में हमारी इच्छा शक्ति, आत्म बल, आत्म विश्वास का सबसे बड़ा योगदान होता है। जिन दिन आपने दिल से मन बना लिया कि मुझे तंबाकू छोडऩा है दुनिया की कोई ताकत नहीं जो आपको रोक सके। जरूरत है तो सिर्फ बुलंद इरादे और मजबूत इच्छा शक्ति की। इसमें राजयोग मेडिटेशन आपके लिए संजीबनी बूटी का काम कर सकता है। राजयोग मेडिटेशन के अभ्यास से हमारी विचारों में सकारात्मकता आती है। मन शक्तिशाली बनता है और आत्म विश्वास पैदा होता है। जैसे-जैसे राजयोग ध्यान का अभ्यास बढ़ता जाता है तो हमारा आत्मबल भी बढऩे लगता है। इससे किसी भी कार्य को करने की दृढ़ इच्छा शक्ति हमारे अंदर स्वत: ही आ जाती है। आज एक नहीं बल्कि हजारों ऐसे उदाहरण हैं जो लोग नशे में डूबे थे, दिन-रात शराब की लत में लिप्त थे, ऐसे नौजवान आज राजयोगी जीवनशैली के साथ आनंदमय जीवन जी रहे हैं। वास्तव में राजयोग मेडिटेशन हमारी विचारों की सर्जरी कर नकारात्मक विचारों को सकारात्मक विचारों में बदल देता है। आज ब्रह्माकुमारीज से जुड़कर 20 लाख से अधिक लोग पूरी तरह से नशामुक्त जीवन जी रहे हैं। आध्यात्म का बल दुनिया का सबसे बड़ा बल है। आध्यात्मिक शक्ति से हम खुद के साथ दूसरों को भी बदल सकते हैं। जरूरत है तो हिम्मत का एक कदम बढ़ाने की। इसलिए मेरे भाई-बहनों आप सभी से आह्नान है कि नशे की लत छोड़ो और राजयोग से नाता जोड़ो। करोगो राजयोग, मिटेंगे सब रोग। राजयोग मेडिटेशन ब्रह्माकुमारीज के सभी सेवाकेंद्रों पर नि:शुल्क सिखाया जाता है।
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भारत में हर आठ सेकंड में एक व्यक्ति की नशे से मौत-
भारत में 372 जिलों सबसे ज्यादा नशे की गिरफ्त में हैं। भारत में हर आठ सेकंड में नशे के चलते एक व्यक्ति की मौत हो जाती है। एक दिन में 3750 और प्रतिवर्ष 13 लाख लोगों की मृत्यु केवल तंबाकू के सेवन से होती है। सभी तरह के नशे को आंकड़े पर नजर डालें तो एक साल में भारतवर्ष में 35 लाख लोगों की मौत हो जाती है। राजस्थान में 22 फीसदी भाई और 6 फीसदी बहनें तंबाकू को सेवन करती हैं। इसका प्रभाव हमारी नई पीढ़ी पर भी पड़ रहा है। आज 45 फीसदी बच्चों को आयु के अनुसार वजन कम है। 35 फीसदी बच्चों का आयु के अनुसार हाइट कम है। तंबाकू में ऐसे तत्व होते हैं जो कैंसर की कोशिकाओं को जन्म देते हैं। इसमें पाया जाने वाला निकोटीन थीमा जहर है। नशे से हमारा डीएनए तक प्रभावित होता है। इससे आने वाली पीढ़ी में कैंसर होने के खतरे बढ़ जाते हैं।
37 लाख लोग कैंसर से मरते हैं-
भारत में 37 लाख लोगों की कैंसर से हर साल मौत हो जाती है। हमारे हार्ट की खून ले जाने वाली धमनियां में एंडोथीलियम होती है और सिगरेट पीने से उसमें कोलेस्ट्रोल चिपकना शुरू हो जाता है जो हार्ट अटैक का कारण बनता है। प्रतिवर्ष हमारे देश में 44 लाख लोगों की मृत्यु हार्ट अटैक के कारण होती है। आज हमारे देश में 13 फीसदी लोग शराब का इस्तेमाल करते हैं। इससे प्रतिवर्ष दो लाख 60 हजार लोगों की मृत्यु हो जाती है। इसमें से 50 फीसदी लोगों की मौत का कारण लीवर सिरोसिस होता है। 5500 बच्चे हर रोज नशे करने वालों की भीड़ में शामिल हो जाते हैं।
40 तरह के कैंसर और 25 तरह की होती हैं बीमारियां-
आप सभी को जानकर आश्चर्य होगा कि भारत में तंबाकू और तंबाकू युक्त धूम्रपान की वजह से हर साल करीब 13.5 लाख लोग असमय मौत की नींद सो जाते हैं। तंबाकू के सेवन से 40 तरह के कैंसर होते हैं और 25 तरह की बीमारियां होती हैं। कहा जाता है कि धूम्रपान करने वाले से न करने वाले को ज़्यादा नुकसान होता है, क्योंकि हवा में घुलता धुआं धूम्रपान न करने वाले की श्वांस के माध्यम से उसे नुकसान पहुंचाता है।
रिपोट्र्स के मुताबिक भारत में तंबाकू सेवन से पिछले 30 साल में 58.9 प्रतिशत मौत के आंकड़ों में बढ़ोतरी हुई है। सन् 1990 में छह लाख लोगों की जान तंबाकू ने ली थी। जो वर्ष 2019 में दस लाख हो गई।
अंतरराष्ट्रीय जर्नल लैंसेट के आँकड़ों के मुताबिक वर्ष 2021 से भारत में हर साल तंबाकू उत्पादों के सेवन से करीब 13.5 लाख लोगों की मौत हो जाती है। ग्लोबल एडल्ट टोबेको सर्वे इंडिया की 2016-17 की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में लगभग 26.7 करोड़ यानी 29 प्रतिशत वयस्क तंबाकू उत्पादों का सेवन करते हैं। 12 प्रतिशत नाबालिग तंबाकू सेवन के जाल में फंस चुके हैं।
पूरी दुनिया को हर साल 113 लाख करोड़ का नुकसान-
पूरी दुनिया में 15 साल से ऊपर के करीब 32.7 प्रतिशत पुरुष और 6.62 प्रतिशत महिलाएं तंबाकू उत्पादों का सेवन करती हैं। सन् 2019 में पूरी दुनिया में करीब 76.9 लाख लोगों की मौत इसके सेवन से हुई थी। विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी तंबाकू टैक्स मैन्युअल के मुताबिक- तंबाकू उत्पादों के इस्तेमाल से हर साल दुनिया को करीब 1,40,000 करोड़ डॉलर यानी करीब 113.4 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है।
एक सिगरेट पीने से 11 मिनट की उम्र हो जाती है कम-
रिसर्च के मुताबिक 1 सिगरेट पीने से जिंदगी के 11 मिनट कम हो जाते हैं। यही वजह है कि तम्बाकू सेवन के कारण दुनिया में हर 6 सेकंड में 1 मौत होती है। लंबे समय तक तम्बाकू का सेवन शरीर को खोखला कर देता है। यह वात, पित्त और कफ तीनों को बढ़ाता है। इसके कारण कैंसर, दिल से जुड़ी बीमारियां, अनिद्रा, उच्च रक्तचाप, अल्सर आदि कई बीमारियां होती हैं। भारत में मुंह और गले के कैंसर का यह प्रमुख कारण है। दरअसल यह एक धीमा जहर है जो धीरे-धीरे इंसान की जिंदगी को मौत की तरफ धकेलता है।
तंबाकू के सेवन से होने वालीं बीमारियां-
धूम्रपान कैंसर, दिल का दौरा, ब्रेन स्ट्रोक, क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज, पेरिफेरल वैस्कुलर डिजीज का मुख्य कारण तंबाकू का सेवन है। वहीं महिलाओं में जैसे- प्रतिकूल गर्भावस्था के परिणाम, महिला विशिष्ट कैंसर जैसे- स्तन, गर्भाशय ग्रीवा का कैंसर और हृदय संबंधी जोखिम में वृद्धि आदि।
नर्वस सिस्टम होता है प्रभावित-
आपको बता दें कि तंबाकू में निकोटिन होता है तो सबसे ज्यादा आपपके नर्वस सिस्टम को प्रभावित करता है। इसे आसानी से छोडऩा काफी मुश्किल है लेकिन अगर आप खुद पर विश्वास कर लें तो हो सकता है कि आप इससे दूरी बना लें। अगर आप लगातार कोशिश कर रहे हैं कि तंबाकू का सेवन करना छोड़ दें और कर नहीं पा रहे हैं तो इन कुछ घरेलू उपायों को अपना सकते हैं। जिससे आपको काफी लाभ मिलेगा।
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धर्म-कर्म