डीएवी कॉलेज, पेहवा में स्वामी दयानंद सरस्वती पर आधारित पुस्तक का भव्य विमोचन


राजेश वर्मा। कुरुक्षेत्र भूमि
पिहोवा,  

डीएवी कॉलेज, पेहवा के राजनीति विज्ञान विभाग द्वारा एक ऐतिहासिक और प्रेरणादायी कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें आर्य समाज के प्रणेता, महान समाज सुधारक स्वामी दयानंद सरस्वती के जीवन और विचारों पर आधारित एक अनमोल पुस्तक का विमोचन किया गया। इस पुस्तक के विमोचन समारोह ने न केवल स्वामी दयानंद के सामाजिक और आध्यात्मिक योगदान को रेखांकित किया, बल्कि उनके विचारों को आधुनिक पीढ़ी तक पहुँचाने का एक सशक्त माध्यम भी प्रस्तुत किया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता राजनीति विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डॉ. सुदीप कुमार ने की, जिनके नेतृत्व में यह पुस्तक तैयार की गई। इस अवसर पर कॉलेज के प्राचार्य, प्राध्यापकगण, और अनेक गणमान्य व्यक्तियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। उपस्थित सभी विद्वानों ने इस पुस्तक को स्वामी दयानंद के क्रांतिकारी विचारों, समाज सुधार और वैदिक संस्कृति के पुनरुत्थान में उनके अतुलनीय योगदान को समझने का एक प्रामाणिक और प्रेरणादायी स्रोत बताया।

पुस्तक विमोचन के अवसर पर आयोजित समारोह में वक्ताओं ने स्वामी दयानंद के शिक्षा, समानता और सामाजिक न्याय के सिद्धांतों पर प्रकाश डाला। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह पुस्तक न केवल शैक्षणिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए युवा पीढ़ी को प्रेरित करने में भी सक्षम है।

कॉलेज के प्राचार्य ने अपने संबोधन में कहा, "यह पुस्तक स्वामी दयानंद के विचारों का एक जीवंत दस्तावेज है, जो हमें अंधविश्वासों से मुक्त होकर तर्क और सत्य के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है।" उन्होंने इस उपलब्धि के लिए डॉ. सुदीप कुमार और उनके विभाग को हार्दिक बधाई दी।

डॉ. सुदीप कुमार ने अपने वक्तव्य में कहा, "स्वामी दयानंद ने समाज को एक नई दिशा दी। उनकी शिक्षाएँ आज भी प्रासंगिक हैं और यह पुस्तक उनके विचारों को जन-जन तक पहुँचाने का एक प्रयास है।" उन्होंने इस पुस्तक को तैयार करने में सहयोग करने वाले सभी सहयोगियों और विद्वानों के प्रति आभार व्यक्त किया।

कार्यक्रम के अंत में, सभी उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों ने इस पुस्तक को एक महत्वपूर्ण शैक्षणिक और सामाजिक योगदान के रूप में सराहा। इस अवसर पर उपस्थित छात्र-छात्राओं ने भी स्वामी दयानंद के विचारों से प्रेरणा लेने का संकल्प लिया। यह आयोजन न केवल एक पुस्तक का विमोचन था, बल्कि स्वामी दयानंद के विचारों को पुनर्जनन देने और समाज में उनके प्रासंगिकता को रेखांकित करने का एक सार्थक प्रयास था।

यह पुस्तक निश्चित रूप से स्वामी दयानंद सरस्वती के आदर्शों को समझने और उन्हें जीवन में अपनाने के लिए एक मार्गदर्शक के रूप में कार्य करेगी। डीएवी कॉलेज, पेहवा का यह प्रयास न केवल शैक्षणिक जगत में, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक क्षेत्र में भी एक मील का पत्थर साबित होगा।

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