राजेश वर्मा।
कुरुक्षेत्र ,14 मई
कुरुक्षेत्र ,14 मई
जिला निर्वाचन अधिकारी एवं उपायुक्त शांतनु शर्मा ने कहा कि चुनाव आयोग की गाइडलाइन के अनुसार नामांकन की प्रक्रिया पूरी होने तथा चुनाव निशान आवंटित होने के बाद जिस किसी उम्मीदवार के खिलाफ कोई आपराधिक मामला दर्ज है तो उसे मतदान की तारीख से दो दिन पहले तक तीन बार इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और प्रिंट मीडिया में इसकी सूचना प्रकाशित करवानी होगी। उम्मीदवार किसी राजनीतिक पार्टी का है तो उसे पार्टी मुख्यालय को भी इस सूचना से अवगत करवाना आवश्यक है, ताकि पार्टी अपनी वेबसाइट पर उम्मीदवार के आपराधिक मामलों की जानकारी दे सके।
जिला निर्वाचन अधिकारी शांतनु शर्मा ने कहा कि 23 मई तक की अवधि में जिस किसी उम्मीदवार के खिलाफ कोई आपराधिक मामला दर्ज है तो उसे इसकी सूचना प्रमुख समाचार-पत्रों व टीवी चैनलों पर कम से कम तीन बार अलग-अलग तारीख में प्रसारित करवानी होगी। नामांकन के दौरान निर्वाचन आयोग के फार्म 26 में उम्मीदवार अपनी चल-अचल संपत्ति, देनदारी व आपराधिक मामले के बारे में विवरण देता है। सर्वोच्च न्यायालय के इस विषय में आदेश के बाद वर्ष 2018 में भारत निर्वाचन आयोग ने निर्देश जारी किए थे कि चुनाव प्रचार के दौरान आपराधिक रिकार्ड वाले प्रत्याशी व उसकी पार्टी को इस बारे में तीन बार उम्मीदवार के विरुद्ध दर्ज किए गए आपराधिक मामलों के बारे में सी-1 फॉर्मेट में सूचना समाचार-पत्रों में प्रकाशित करवानी होगी। इसी प्रकार इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में भी यह सूचना तीन बार प्रसारित की जाएगी।
उन्होंने कहा कि आपराधिक रिकॉर्ड का ब्यौरा प्रकाशित होने के बाद इसकी रिपोर्ट जिला निर्वाचन अधिकारी कार्यालय में उम्मीदवार को जमा करवानी है। जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 78 के तहत उम्मीदवार को प्रकाशित करवाई गई इस घोषणा के विज्ञापन का बिल भी देना होगा, ताकि उसे उम्मीदवार के चुनावी खर्च में जोड़ा जा सके। अखबार में इस विज्ञापन को कम से कम 12 फोंट के साईज में प्रकाशित किया जाएगा, जिससे कि उसे आम मतदाता आसानी से पढ़ सके। राजनैतिक पार्टी अपने उम्मीदवारों के आपराधिक रिकार्ड की घोषणा प्रकाशित करवाने तथा वेबसाइट पर यह विवरण दिए जाने की सूचना हरियाणा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय में देनी होगी।
जिला निर्वाचन अधिकारी शांतनु शर्मा ने कहा कि 23 मई तक की अवधि में जिस किसी उम्मीदवार के खिलाफ कोई आपराधिक मामला दर्ज है तो उसे इसकी सूचना प्रमुख समाचार-पत्रों व टीवी चैनलों पर कम से कम तीन बार अलग-अलग तारीख में प्रसारित करवानी होगी। नामांकन के दौरान निर्वाचन आयोग के फार्म 26 में उम्मीदवार अपनी चल-अचल संपत्ति, देनदारी व आपराधिक मामले के बारे में विवरण देता है। सर्वोच्च न्यायालय के इस विषय में आदेश के बाद वर्ष 2018 में भारत निर्वाचन आयोग ने निर्देश जारी किए थे कि चुनाव प्रचार के दौरान आपराधिक रिकार्ड वाले प्रत्याशी व उसकी पार्टी को इस बारे में तीन बार उम्मीदवार के विरुद्ध दर्ज किए गए आपराधिक मामलों के बारे में सी-1 फॉर्मेट में सूचना समाचार-पत्रों में प्रकाशित करवानी होगी। इसी प्रकार इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में भी यह सूचना तीन बार प्रसारित की जाएगी।
उन्होंने कहा कि आपराधिक रिकॉर्ड का ब्यौरा प्रकाशित होने के बाद इसकी रिपोर्ट जिला निर्वाचन अधिकारी कार्यालय में उम्मीदवार को जमा करवानी है। जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 78 के तहत उम्मीदवार को प्रकाशित करवाई गई इस घोषणा के विज्ञापन का बिल भी देना होगा, ताकि उसे उम्मीदवार के चुनावी खर्च में जोड़ा जा सके। अखबार में इस विज्ञापन को कम से कम 12 फोंट के साईज में प्रकाशित किया जाएगा, जिससे कि उसे आम मतदाता आसानी से पढ़ सके। राजनैतिक पार्टी अपने उम्मीदवारों के आपराधिक रिकार्ड की घोषणा प्रकाशित करवाने तथा वेबसाइट पर यह विवरण दिए जाने की सूचना हरियाणा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय में देनी होगी।
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